what is mutual fund (म्यूचुअल फंड क्या हैं)
आज के समय में कई लोग म्यूचुअल फंड्स के बारे में जानते हैं, लेकिन बहुत से लोगों को अब भी यह समझ नहीं आता कि Mutual Fund क्या है (What is mutual fund), यह कैसे काम करता है और इसमें निवेश करना सही है या नहीं। अगर आप भी उन्हीं में से एक हैं जिन्हें Mutual Funds की पूरी जानकारी (What is mutual fund )नहीं है, तो यह लेख आपके लिए है।
इस लेख में हम म्यूचुअल फंड क्या है (what is Mutual fund) की A to Z जानकारी बिल्कुल आसान शब्दों में देने जा रहे हैं, जिससे न सिर्फ़ आपका समय बचेगा बल्कि आप म्यूचुअल फंड कैसे काम करता है यह पूरी तरह समझ पाएँगे।

म्यूचुअल फंड क्या होता है (what is mutual fund ) –
Mutual fund, दो शब्दों से मिलकर बना है – “Mutual” यानी कॉमन और “fund” यानी निधि या पूंजी। सिंपल शब्दों में कहें तो Mutual fund एक ऐसा कॉमन फंड होता हैं जिसमें सभी लोग अपने पैसे निवेश कर सकते है। इस फंड को अनुभवी फंड मैनेजर्स मैनेज करते है ये फंड मैनेजर्स ही होते है जो ये निर्णय करते है कि कहा, कब और कितना निवेश किया जाए, और कब कहा से निवेश का पैसा निकला जाए।
इन फंड मैनेजर्स का उद्देश्य होता है कि वो अपने निवेशकों को लगातार और कम रिस्क पे एक अच्छा सालाना रिटर्न्स बना के दे जिससे निवेशक आगे भी उस फंड में निवेशित रहे इसी वजह से म्यूचुअल फंड्स एक सुरक्षित इनवेस्टमेंट के रूप में लोगों में प्रचलित है।
What is mutual fund and How mutual fund works (म्यूचुअल फंड कैसे काम करते है ) –
जैसा की हमने पहले समझा, कि म्यूचुअल फंड्स (what is Mutual fund) में अलग-अलग विभिन्न निवेशकों द्वारा किए गए निवेश को एक जगह इकट्ठा किया जाता है और इस संचित फंड को अनुभवी फंड मैनेजर्स संभालते है
फंड मैनेजर्स इस सचित पूंजी को अलग-अलग स्टॉक्स (stocks), बॉन्ड्स (bonds), डेट फंड्स(debt funds) और वित्तीय साधनों में एक संतुलित अनुपात (ratio) में निवेश करते हैं। उनका मुख्य उद्देश्य कम जोखिम में अधिक से अधिक रिटर्न प्रदान करना होता है।
जब इन निवेशों से कोई मुनाफ़ा (profit) होता है, तो उसे निवेशकों के बीच उनके होल्ड किए गए यूनिट्स (Units) के अनुपात में बाँट दिया जाता है।
What is mutual fund and what is NAV in mutual fund ?(NAV क्या होता है या NAV कैसे निकला जाता है?)
जब हम जान चुके की म्यूचुअल फंड्स क्या है (what is mutual fund) तो हमें उससे जुड़ा एक शब्द NAV को जानना बहुत ही जरूरी होता है। NAV का मतलब होता है Net Asset Value, जो किसी भी म्यूचुअल फंड की प्रति यूनिट कीमत को दिखाता है अगर सिंपल शब्दों में कहे तो NAV वह कीमत होती है जिस पर हम किसी भी म्यूचुअल फंड (what is Mutual fund) के यूनिट्स खरीदते या बेचते हैं।
चूंकि म्यूचुअल फंड्स (what is mutual fund) किसी न किसी इंस्ट्रूमेंट्स या स्टॉक मार्केट में निवेशित होते है इसलिए उसके उतर चढ़ाव से हर दिन इनके NAV में बदलाव होते रहते है
NAV कैसे तय होती है?
NAV को इस फॉर्मूले से निकाला जाता है
Nav= ( कुल शुद्ध संपति – कुल शुद्ध दायित्व) ÷ कुल यूनिट्स की संख्या
उदाहरण के तौर पर:
मान लीजिए कि किसी म्यूचुअल फंड की शुद्ध संपत्ति (net assets) किसी दिन ₹1000 है, और उस दिन कुल 20 यूनिट्स मार्केट में मौजूद हैं, तो उस दिन की NAV ₹50 होगी।

What is mutual fund and types of mutual fund (म्यूचुअल फंड्स के प्रकार)-
अब तक हमने जाना what is mutual fund, म्यूचुअल फंड से जुड़ी NAV को भी जाना तो आइए अब जाने म्यूचुअल फंड्स के प्रकार या म्यूचुअल फंड कितने प्रकार की होती है
Mutual funds कई प्रकार के होते हैं ये अलग-अलग निवेशकों की जरूरतो, प्राथमिकताओं और उनके फाइनेंशियल गोल्स (Financial Goals) के हिसाब से ये अलग-अलग स्कीम्स लाते है कोई निवेशक कम रिस्क और सेफ इनवेस्टमेंट करना चाहता है, तो कोई लंबे समय में ज्यादा रिटर्न चाहता है और म्यूचुअल फंड्स के ये विभिन्न प्रकार उन सभी उद्देश्यों को ध्यान में रखकर बनाई जाती हैं।
हर म्यूचुअल फंड का उद्देश्य, रिस्क और रिटर्न देने की स्ट्रेटजी अलग-अलग होती है। इसलिए, निवेश करने से पहले यह जानना बहुत ज़रूरी है कि आपका फाइनेंशियल गोल क्या है — रिटायरमेंट प्लानिंग, बच्चों की शिक्षा, शादी, या शॉर्ट टर्म सेविंग ताकि आप सही प्रकार का म्यूचुअल फंड (what is mutual fund) चुन सकें।
आइए अब आगे जानते है कि म्यूचुअल फंड्स के मुख्य प्रकार कौन-कौन से होते हैं और किस प्रकार का फंड आपके लिए आपके गोल के हिसाब से सही होगा।

Structure के अनुसार –
Open ended fund – Open-Ended Mutual Funds ऐसे फंड होते हैं जिनमें समय की कोई निश्चित सीमा नहीं होती। जैसा कि नाम से ही पता चलता है, इन फंड्स में आप कभी भी Buy कर सकते हैं और जब चाहें तब अपनी यूनिट्स को Sell भी सकते हैं।
इन फंड्स की सबसे अच्छी बात है कि ये निवेशकों को फ्लेक्सिबिलिटी और लिक्विडिटी देते हैं। और आप किसी भी दिन इसको खरीद ओर बेच सकते है।
close ended fund – Close-Ended Mutual Funds वे फंड होते हैं जिनमें आप केवल एक निश्चित अवधि के लिए ही निवेश कर सकते हैं, और उस अवधि के पूरा होने पर ही आप अपने पैसे को निकाल (Redeem) सकते हैं।
इन फंड्स की खास बात यह होती है कि इन्हें लॉन्च के समय एक फिक्स्ड अवधि के लिए जारी किया जाता है, और निवेशक उस अवधि में ही यूनिट्स खरीद सकते हैंऔर एक बार निवेश करने के बाद आप अपनी यूनिट्स को तय समय से पहले नहीं बेच सकते।
यह फंड उन निवेशकों के लिए अच्छा होता है जो लंबी अवधि के लिए पूंजी निवेश करना चाहते हैं और उन्हें उस पैसे की हाल में कोई जरूरत नहीं होती।
Interval fund – यह फंड न तो पूरी तरह ओपन-एंडेड होता है और न ही पूरी तरह क्लोज-एंडेड, बल्कि यह दोनों का mix होता है।
Interval Mutual Funds ऐसे फंड होते हैं जिनमें आप केवल कुछ निश्चित अंतराल (Interval) पर ही उनके यूनिट्स को buy ya sell कर सकते हैं। यानी इन फंड्स में लेनदेन सिर्फ उन्हीं विशेष अवधि में संभव होता है, उसके बाद नहीं।
Assets के अनुसार –
- Equity funds – Equity Funds ऐसे म्यूचुअल फंड्स होते हैं जो निवेशकों का पैसा मुख्य रूप से शेयर बाजार (Stock Market) में निवेश करते हैं। यह निवेश लार्जकैप (Large Cap), मिडकैप (Mid Cap) और स्मॉलकैप (Small Cap) कंपनियों के शेयरों में एक संतुलित अनुपात (Ratio) में किया जाता है। जो फंड मैनेजर्स तय करते है।
- Equity Fund की विशेषताएं:
- ज्यादा रिटर्न्स: Equity Mutual Funds एवरेज 12% से 15% तक का वार्षिक कंपाउंडेड रिटर्न दे सकते हैं।
- ज्यादा रिस्क: जहां अधिक रिटर्न की उम्मीद होती है, वहां रिस्क भी ज्यादा होता है।
- लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट के लिए अच्छा: यह फंड उन निवेशकों के लिए अच्छा होता हैं जो लंबे समय तक निवेश करने को तैयार हैं और बाजार के ups एंड downs को झेल सकते हैं।
- डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो: फंड मैनेजर्स विभिन्न कैटेगरी के स्टॉक्स (Large/Mid/Small Cap) में फंड्स को इस तरह बाँटते हैं कि रिस्क और रिटर्न के बीच बैलेंस बना रहे।
- Equity Fund किनके लिए बेस्ट है ?
- जिन्हें शेयर बाजार की थोड़ी बहुत समझ है।
- निवेशक लंबे समय में पूंजी बढ़ाना (Wealth Creation) चाहते हैं।
- जो रिस्क उठा सकते या झेल सकते हैं।
- Equity Fund की विशेषताएं:
- Debt funds – Debt Funds वे म्यूचुअल फंड्स (what is mutual fund) होते हैं जो निवेशकों का पैसा मुख्य रूप से कॉरपोरेट बॉन्ड्स, सरकारी बॉन्ड्स (Government Securities), ट्रेजरी बिल्स, और अन्य फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट्स में लगाते हैं।इनका उद्देश्य निवेशकों को स्टेबल और एक सेफ रिटर्न देना होता है।
- Debt Fund की मुख्य विशेषताएं:
- कम रिस्क के साथ स्टेबल रिटर्न: ये फंड अपेक्षाकृत कम रिस्क के साथ 7% से 8% तक का वार्षिक रिटर्न देते है।
- स्टॉक मार्केट के उतार चढ़ाव से प्रभावित नहीं होते: क्योंकि ये फंड इक्विटी मार्केट में नहीं होते और फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं। इसलिए उतार चढ़ाव इसमें नहीं होते।
- शॉर्ट और मीडियम टर्म निवेश के लिए अच्छा: ये फंड उन लोगों के लिए अच्छा हैं जो कुछ वर्षों के लिए सेफ और स्टेबल रिटर्न चाहते हैं।
- पूंजी संरक्षण: ये फंड आपकी पूंजी को सुरक्षित रखते हुए उस पर कम पर स्टेबल रिटर्न देने की कोशिश करते हैं।
- Debt Funds किनके लिए बेस्ट है?
- जो कम risk के साथ निवेश करना चाहते हैं।
- जिसको कम समय में पैसे ही जरूरत हो।
- जो कम रिटर्न्स से संतुष्ट हो ओर कैपिटल बचना चाहते हो।
- Debt Fund की मुख्य विशेषताएं:
- Money Market funds – Money Market Funds वे म्यूचुअल फंड्स होते हैं जो बहुत कम टाइम (Short-Term) के लिए निवेश करते हैं और कम रिस्क के साथ स्टेबल रिटर्न देते हैं। ये फंड्स मुख्य रूप से आपातकालीन ऋण प्रतिभूतियों में निवेश करते हैं जैसे:ट्रेज़री बिल्स (Treasury Bills),कमर्शियल पेपर (Commercial Papers),सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट (CDs),और अन्य शॉर्ट-टर्म डेब्ट इंस्ट्रूमेंट्स।
- Money Market Fund की विशेषताएं:
- कम रिस्क और हाई लिक्विडिटी: ये फंड अल्पकालिक होते हैं, इसलिए आप जब चाहें पैसे निकाल सकते हैं।
- 7% से 8% तक का वार्षिक रिटर्न: यह रिटर्न बाजार की तुलना में सेफ और स्टेबल होते है।
- आपातकालीन फंड के लिए सबसे अच्छा: जिन निवेशकों को कुछ महीनों या एक साल में पैसों की ज़रूरत हो सकती है, उनके लिए ये फंड बेहतरीन होते है।
- बाजार की अस्थिरता से कम प्रभावित: चूंकि ये इक्विटी में नहीं बल्कि शॉर्ट-टर्म डेब्ट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं, इसलिए रिस्क बहुत कम होता है।
- Money Market Funds किनके लिए बेस्ट है?
- जिसको उस पैसे की कभी भी जरूरत पड़ सकती है।
- जो कम रिस्क और एक सेफ रिटर्न्स पाना चाहता है।
- Money Market Fund की विशेषताएं:
- Hybrid funds – Hybrid Mutual Funds वे फंड्स होते हैं जो Equity (शेयर बाजार) और Debt (ऋण साधन) दोनों में निवेश करते हैं। इस फंड का उद्देश्य निवेशक को कम रिस्क पे एक अच्छा रिटर्न देना होता है।
- Hybrid Fund की प्रमुख विशेषताएं:
- संतुलित पोर्टफोलियो: ये फंड मार्केट में तेजी के समय Equity से प्रॉफिट कमाते हैं और गिरावट के समय Debt में निवेश होने की वजह से ज्यादा स्टेबल रहते है।
- FD से बेहतर रिटर्न: Hybrid Funds बैंक FD की तुलना में बेहतर रिटर्न (10 – 12%) देते हैं।
- कम रिस्क पे संतुलित रिटर्न: Equity और Debt का mix होने से ये फंड्स को कम अस्थिर होते है
- Capital Growth + Stability: ये फंड उन निवेशकों के लिए सबसे अच्छा हैं जो पूंजी वृद्धि और स्टेबिलिटी दोनों ही चाहते हैं।
- Hybrid Mutual Fund किनके लिए बेस्ट हैं ?
- जो निवेशक Equity और Debt के बीच संतुलन चाहते हैं।
- जो कम रिस्क के साथ लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं।
- जो शेयर बाजार की गिरावट से अपनी पूंजी को सुरक्षित रखना चाहते हैं।
- Hybrid Fund की प्रमुख विशेषताएं:
Special important mutual funds –
Index funds – Index Mutual Funds वे फंड होते हैं जो किसी न किसी बेंचमार्क इंडेक्स (Benchmark Index) को फॉलो करते हैं। उदाहरण के तौर पर, Nippon India Nifty BeES एक ऐसा Index Fund है जो Nifty 50 Index को ट्रैक करता है।
इसका मतलब यह है कि यह फंड Nifty 50 में मौजूद कंपनियों के स्टॉक्स में उन्हीं ratio में निवेश करता है, जैसे वे इंडेक्स में मौजूद हैं। इन फंड्स का उद्देश्य बेंचमार्क इंडेक्स के समान रिटर्न देना, और उनको फॉलो करना होता है।
- Index Fund की प्रमुख विशेषताएं:
- Passive Fund Management: इनमें कोई फंड मैनेजर एक्टिव रूप से डिसीज़न नहीं लेता, इसलिए फंड मैनेजमेंट की लागत (Expense Ratio) बेहद कम होती है।
- कम खर्च पे अच्छा रिटर्न: क्योंकि ये फंड सिर्फ इंडेक्स को कॉपी करते हैं, इसलिए निवेशकों को कम शुल्क पर निवेश का अवसर मिलता है।
- अच्छा रिटर्न: Index Funds मार्केट को बीट नहीं करते, बल्कि मार्केट के अनुरूप रिटर्न देने का प्रयास करते हैं।
- लंबी अवधि के लिए अच्छा: कम लागत और मार्केट को फॉलो करने के चलते यह फंड लंबे समय के निवेश के लिए अच्छा होता है।
- Index Fund किनके लिए बेस्ट है?
- जो निवेशक कम लागत में शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं।
- जो लंबी अवधि में स्टेबल और fd से अच्छा रिटर्न चाहते हैं।
Sector funds – Sector Funds ऐसे म्यूचुअल फंड्स होते हैं जो निवेशकों का पैसा किसी एक या दो विशेष सेक्टर के क्वालिटी स्टॉक्स में निवेश करते हैं। उदाहरण के लिए — IT Sector Fund, Banking Fund, Pharma Fund आदि।
इन फंड्स को मैनेज करने वाले Fund Managers यह अनुमान लगाते हैं कि कौन-से सेक्टर आने वाले समय में तेज़ी से ग्रो कर सकते हैं, और फिर उन्हीं सेक्टर्स की कंपनियों में निवेश किया जाता है।
- Sector Fund की प्रमुख विशेषताएं:
- High Growth Potential: अगर चुना गया सेक्टर सही समय पर अच्छा प्रदर्शन करता है, तो ये फंड्स निवेशकों को बहुत अधिक रिटर्न दे सकते हैं।
- High Risk, High Reward: क्योंकि ये फंड्स केवल एक सेक्टर पर निर्भर होते हैं, इसलिए इनमें उतार-चढ़ाव (Volatility) ज्यादा होती है।
- कॉन्फिडेंस भरा निवेश: यह उन निवेशकों के लिए अच्छा हैं जो किसी खास इंडस्ट्री या सेक्टर में भविष्य की ग्रोथ को लेकर कॉन्फिडेन्ड है
- सेक्टर की अच्छी समझ: ऐसे फंड्स में निवेश करने से पहले सेक्टर की समझ और रिसर्च बहुत जरूरी होती है।
- Sector Funds किनके लिए बेस्ट हैं ?
- जो निवेशक ज्यादा रिस्क उठाकर ज्यादा रिटर्न कमाना चाहते हैं।
- जिन्हें किसी खास सेक्टर की गहरी जानकारी है।
Tax saving funds – Tax Saving Mutual Fund, जिसे ELSS (Equity Linked Savings Scheme) भी कहते है। Tax Saving Funds वे म्यूचुअल फंड्स होते हैं जिनमें निवेश करके आप धारा 80 C के तहत सालाना ₹1,50,000 तक की टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं। यह फंड मुख्य रूप से Equity (इक्विटी) और थोड़ी बहुत Debt (ऋण) इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं।
- ELSS की प्रमुख विशेषताएं:
- टैक्स की बचत और पूंजी में वृद्धि: ELSS फंड्स में निवेश करके आप न केवल टैक्स को बचाते हैं, बल्कि लंबे समय में एक अच्छा रिटर्न भी प्राप्त कर सकते हैं।
- 3 साल का लॉक-इन पीरियड: यह सबसे कम लॉक-इन अवधि वाला टैक्स सेविंग ऑप्शन होता है PPF और FD की तुलना में।
- दोहरा लाभ: ELSS आपको एक ही साथ टैक्स छूट और वेल्थ क्रिएशन दोनों का फायदा देता है।
- Tax Saving Fund किनके लिए बेस्ट है ?
- जो टैक्स प्लानिंग के साथ निवेश करना चाहते हैं।
- जो लंबे समय में अधिक रिटर्न और साथ ही टैक्स छूट भी चाहते हैं
Liquid funds – ये फंड्स ज्यादातर 91 दिनों से भी कम और अल्पकालिक ऋण इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते है और इसका उद्देश्य निवेशक के पूंजी को बचाते हुए एक safe रिटर्न देना होता है। ऐसे फंड्स ज़्यादातर कम रिटर्न्स देते है।
Liquid Funds ऐसे म्यूचुअल फंड्स होते हैं जो 91 दिनों या उससे कम अवधि के डेब्ट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं, जैसे कि:
- ट्रेज़री बिल्स (Treasury Bills)
- कमर्शियल पेपर (Commercial Papers)
- सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट (CDs)
- Liquid Fund की मुख्य विशेषताएं:
- कम रिस्क: चूंकि ये बहुत अल्पकालिक इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं, इसलिए इनमें रिस्क कम होता है।
- अच्छी लिक्विडिटी: ये फंड्स आपको आमतौर पर 1 कार्यदिवस (T+1) में पैसे निकलने की सुविधा देते हैं।
- Fd जैसे Returns: ये फंड्स बैंक सेविंग अकाउंट या FD से थोड़े बेहतर रिटर्न (4%–6%) दे सकते हैं।
- Capital Protection: Liquid Funds पूंजी को सुरक्षित रखता है और पूंजी पर एक अच्छा प्रॉफिट भी देता है।
- Liquid Fund किनके लिए बेस्ट है ?
- जो बहुत कम समय (कुछ दिन से 3 महीने तक) के लिए निवेश करना चाहते हैं।
- जो अपने पैसे को बैंक fd की जगह पर किसी अच्छे और सेफ जगह रखना चाहते हैं।
- जिन्हें जल्दी पैसे की जरूरत पड़ती हो और साथ में पूंजी की सुरक्षा भी जरूरी हो।
What is mutual fund and why we choose? (म्यूचुअल फंड क्यों चुने?)-

म्यूचुअल फंड्स अनिश्चित मार्केट में आपको एक safe रिटर्न्स हर साल बनाकर देते है इसमें आपको अगर शेयर मार्केट की जानकारी नहीं भी है तो भी आप एक अच्छे रिटर्न्स कमा सकते है दोस्तों, अब तक हमने म्यूचुअल फंड्स के बारे में अच्छे से जाना कि म्यूचुअल फंड क्या है (what is Mutual fund) अब हम जानेंगे की म्यूचुअल फंड को हमें क्यों चुनना चाहिए नीचे कुछ mutual funds के लाभ दिए है जिसे जान कर शायद आपको इसका जवाब मिल जाएगा कि mutual funds ही क्यों चुने-
- Compounded Return – सभी शेयर मार्केट में या अपनी लाइफ में एक बड़ा पैसा बनाना चाहते है पर क्या वो ऐसा कर पाते है? म्यूचुअल फंड्स आपके पैसे को हर साल ग्रो करता है और अगर आप इसे 10-20 साल तक रखते है तो ये आपको भविष्य में एक बड़ा पैसा बना के दे सकता है।
- Less knowledge – दोस्तो अगर आपको शेयर मार्केट से रिलेटेड कुछ भी नॉलेज नहीं है तो भी आप अपने पैसे को म्यूचुअल फंड में रख कर लाभ कमा सकते है।
- Professional fund managers – mutual fund में आपके पैसें को अनुभवी मैनेजर्स संभालते है, जिनके पास Advance टेक्नोलॉजी और ज्यादा डिटेल्स होती है जो आपके पैसे को कई गुना अच्छी तरह से मैनेज करते है।
- Busy life – अगर आप ऐसे व्यक्ति है जिसके पास कम समय होता हैं और आप जल्द ही अपने पैसें को ग्रो करना चाहते है या किसी ऐसी जगह की तलाश है जहां आप अपने पैसे को लगाना चाहते है तो आप अपने पैसे को म्यूचुअल फंड्स में डाल सकते है और निश्चिंत हो सकते है।
What is Mutual funds and how to invest in mutual fund (म्यूचुअल फंड में कैसे निवेश करे )-
म्यूचुअल फंड (what is mutual fund) जानने के बाद हमने जाना कि म्यूचुअल फंड निवेश करने का एक अच्छा साधन है तो अब हम जानते हैं कि आखिर कैसे हम भी अपने पैसे को म्यूचुअल फंड्स में डाल सकते हैं और कितने तरीकों से हम म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते है।
म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने के दो तरीके है
- Lumpsum – अगर आपके पास एकमुश्त बड़ा पैसा रखा हुआ है तो आप इसे एक साथ वन टाइम में म्यूचुअल फंड्स में डाल सकते है और फिर लंबे समय तक उसमें निवेशीत रह सकते है इसमें थोड़ी ट्रिकी बात ये है कि lumpsum में पैसा हमेशा ही गिरे हुए मार्केट में लगाना चाहिए और lumpsum में रिटर्न्स हमेशा ही sip की तुलना में ज्यादा बनते है।
- SIP (Systematic investment plan) – Sip एक monthly सिस्टम होता है जिसमें आप हर महीने की किसी निश्चित तारीख को एक निश्चित राशि का म्यूचुअल फंड्स buy करते है और ये आप 10 से 20 साल तक लगातार करते रहते है इसमें थोड़ी ट्रिकी बात ये है कि sip हमेशा long term में अच्छा रिटर्न्स देता है इसलिए sip को हमेशा ही long term के लिए करना चाहिए।
What is Mutual fund charges and fees (म्यूचुअल फंड के फीस क्या होती है।)-
Mutual fund के भी अपने दिन प्रतिदिन के खर्चे होते हैं ये शुल्क म्यूचुअल फंड्स (what is mutual fund) के द्वारा फंड्स को मैनेज करने और सेवाएं देने के लिए आपसे ली जाती हैं। Mutual fund में मुख्यतः जो चार्जेज या फीस होती है वो इस तरह से हैं –
- Expense Ratio – म्यूचुअल फंड अपने खर्चों जैसे कि मैनेजर्स फीस, मार्केटिंग फीस, ऑडिट फीस, और AMC को चलाने के लिए दिन- प्रतिदिन के जो भी एक्सपेंस होते है उसके लिए वो आपके फंड से कुछ वार्षिक शुल्क कटती है ये एक ratio होता है जो प्रत्येक निवेशक भुगतान करता है जितना कम ये एक्सपेंस ratio होगा उतना ही आपको अच्छा रिटर्न मिलेगा। सामान्यतः ये एक्टिव फंड के लिए 0.5% से 0.75% एक अच्छा एक्सपेंस ratio माना जाता है वही 1.5% या इससे अधिक एक महंगा एक्सपेंस ratio होता है।
- Exit load – म्यूचुअल फंड्स exit load तब लगाती है जब निवेशक दी गई अवधि या 1 साल के भीतर ही अपने पैसे को निकलना चाहता है फंड्स ऐसा इसलिए करती है जिससे निवेशक अपने फंड को और ज्यादा समय के लिए रखने में उसको बढ़ावा मिले कई फंड्स ऐसी भी होती है जो exit load नहीं लेती ये ज्यादातर निष्क्रिय फंड्स या index funds होती है exit load आम तौर पे 0.5 से 1% तक होता है।
- Transaction fess –जब कोई निवेशक 10,000 या उससे अधिक की लंपसम राशि (one-time investment) से Mutual Fund में निवेश करता है, तो कुछ AMCs यह शुल्क लगाती हैं।यह शुल्क एक बार ही लगता है, जो एक नए निवेशक से 150 और अपने पुराने निवेशक से 100 रूपए तक होती है। ये शुल्क डिस्ट्रीब्यूटर और एजेंट्स लेते है इसलिए आप अगर direct plan चुनते है तो आपका किसी तरह का ट्रांजेक्शन फीस नहीं लगता।
What is mutual fund and how much taxes apply in mutual fund (Mutual fund पे कितना Tax लगता है इंडिया में ?)-
दोस्तो, म्यूचुअल फंड्स में लोग लंबे समय तक निवेश करते है और म्यूचुअल फंड से बना आय इनकम टैक्स के दायरे में आता है जब भी आप किसी म्यूचुअल फंड में अपना पैसा लगाते है और कुछ सालों बाद उसे बेचते है तो आपकी कमाए हुए capital gains पे आपको टैक्स देना होता है आइए जाने की म्यूचुअल फंड (what is mutual fund) पे कितना टैक्स इंडिया में लगता है।
Equity mutual fund –
1 साल से कम – 15% short term capital gain (STCG)
1 साल से अधिक – 10% Long term capital gain (LTCG) (पर 1 लाख तक के लाभ पे छूट)
debt mutual fund –
नए नियम अप्रैल 2023, के बाद से , किसी भी अवधि में इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार ही टैक्स लगेगा।
SIP पे Tax –
Sip प्लान में आप हर महीने कुछ निश्चित अमाउंट का म्यूचुअल फंड्स buy करते हैं ऐसे में आपकी होल्डिंग पीरियड हर एक इंस्टॉलमेंट की अलग अलग मानी जाएगी।
जैसे – अगर 12 महीने तक अपने sip की और 13 वे महीने में अपने सारी यूनिट्स बेच दी तो सिर्फ पहली sip में LTCG लगेगा और बाकी सारी sips में STCG लगेगा।
What is mutual fund and it’s risk (म्यूचुअल फंड के रिस्क क्या है?) –
हमने म्यूचुअल फंड क्या है (what is mutual fund) इसके बारे में विस्तार से जाना परन्तु ऐसा नहीं हैं की म्यूचुअल फंड में निवेश करने पे हमेशा ही आपको प्रॉफिट्स हो। म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने से पहले आपको इससे जुड़ी जारी जोखिमों और रिस्क को जान लेना जरूरी है।
- Market risk – Mutual funds आपके पैसे को स्टॉक्स, बॉन्ड्स, सरकारी प्रतिभूतियों, डेट्स फंड्स, ओर मनी मार्केट जैसे फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट्स में लगाती है जिसके कीमतों में हर दिन बदलाव आते है और इसका प्रभाव आपके वर्तमान पोर्टफ़ोलियो पे भी देखने को मिलता है जिससे आपके इन्वेस्टेड पैसे कम भी हो सकते है हालांकि ये सिर्फ सीमित समय के लिए ही होगा।
- Credit risk- ये रिस्क डेट म्यूचुअल फंड में देखने को मिलती है, अगर कोई संस्था या कंपनी जिसमें फंड निवेशित था वो अगर टाइम से समय पे पैसे नहीं लौटा पाती तो आपको नुकसान हो सकता है।
- ब्याज दरों में बदलाव – ये रिस्क भी डेट म्यूचुअल फंड्स में देखने को मिलती हैं ब्याज दरों में होने वाले बदलाव से फंड की NAV प्रभावित होती है अगर ब्याज दर बढ़ती है तो फंड की वैल्यू घट सकतीं है।
- परफॉर्मेंस रिस्क – अगर कोई म्यूचुअल फंड मैनेजर्स बदल जाता हैं या उससे कोई गलत निर्णय हो जाती है या कोई फंड की स्ट्रेटजी में बदलाव होता है तो ऐसे में इसका प्रभाव फंड की NAV पे देखनें को मिल सकता है कोई जरूरी नहीं है कि कोई फंड अच्छा करती आ रही हैं तो वो आगे भी अच्छा ही करेगी।
Conclusion (निष्कर्ष)-
दोस्तो म्यूचुअल फंड्स (what is mutual fund) एक निवेश करने का अच्छा साधन हो सकता है यदि आप अपने पैसे को लंबे समय तक के लिए निवेश करते है।इसमें फंड्स को अच्छे अनुभवी फंड्स मैनेजर्स संभालते हैं और हर साल आपको कंपाउंडेंट रिटर्न्स देते है जो कि बाकी किसी भी निवेश के इंस्ट्रूमेंट्स से ज्यादा होता हैं और ये हर साल बढ़ती हुई महंगाई से जो कि 5 -6 % होता है उसको बीट करके आपके पैसे को ग्रो करने में और आपके फाइनेंसियल गोल को पाने में आपकी मदद करता हैं।
यदि आप म्यूचुअल फंड की रिस्क को समझते है और अपने गोल के साथ एक सही योजना पे चलते है तो म्यूचुअल फंड आपको आने वाले कुछ सालों में फाइनेंसियल इंडिपेंडेंट बना देगा।