Gold investment advantages and disadvantages (गोल्ड में निवेश के फायदे और नुकसान ) –

गोल्ड यानी सोना सिर्फ एक पीली धातु नहीं है, गोल्ड भारतीय परिवारों की संस्कृति और परंपराओं से जुड़ी वो अमूल्य धरोहर है जो प्रेम, विश्वास और समृद्धि का प्रतीक मानी जाती है। चाहे कोई भी खास मौका हो, जैसे शादियां हो, कोई त्यौहार हो, या किसी को गिफ्ट देना हो, या फिर उससे लाभ कमाना हो, गोल्ड भारतीय परिवारों से हमेशा जुड़ी रहती है।

सोना सिर्फ एक जेवर के रूप में नहीं पहना जाता, बल्कि यह एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को एक विरासत के रूप में भी दी जाती है, जिससे कई-कई पीढ़ियां एक भावनाएं और यादों की डोर से जुड़ी होती हैं, जो इसके मूल्य को और भी ज्यादा बढ़ा देती हैं। आज इस लेख में हम इस पीली धातु में निवेश इसके फायदे और नुकसान के बारे में जानेंगे (Gold investment advantages and disadvantages)

Gold investment advantages and disadvantages

सोने लेने या सोने में निवेश करने के अलग ही फायदे होते हैं, पर साथ ही गोल्ड में निवेश करने के कुछ नुकसान भी होते हैं, जब भी आप सोने में निवेश करने जा रहे हो तो आपके लिए ये जान लेना आवश्यक हो जाता है की गोल्ड में निवेश करने के फायदे और नुकसान क्या हैं (Gold investment advantages and disadvantages)। तो आइए बिल्कुल आसान शब्दों में जानते हैं –

Advantages of investing in gold (सोने में निवेश के क्या लाभ हैं )?-

सोना एक कीमती धातु होता है, जिसमें निवेश करना हर एक भारतीय की पहली पसंद होती है। ये लोगों का पसंदीदा सिर्फ ऐसे ही नहीं है, बल्कि सोने में बहुत सी ऐसी खूबियां होती हैं जो किसी भी निवेशक का ध्यान हमेशा अपनी ओर आकर्षित करती हैं। तो आइए जानते हैं कि आखिरकार सोने को निवेश करने से आपको क्या-क्या फायदे होते हैं।

Gold investment advantages and disadvantages
  1. Financial security – गोल्ड एक ऐसी पीली धातु है जो किसी आर्थिक संकट की स्थिति में, देश की अर्थव्यवस्था मंदी में रहे, या कोई देशव्यापी समस्या या संकट जैसे – हाल ही में कोरोना जैसी विश्वव्यापी संकट की स्थिति में भी गोल्ड की कीमतों में गिरावट की जगह पर अच्छी खासी बढ़त देखी गई है, इसीलिए यह एक निवेशक के पैसे को हमेशा सुरक्षित रखती है।
  2. Inflation से बचाव – सोना पिछले 20 सालों में लगभग 11 प्रतिशत तक का औसत रिटर्न देता आ रहा है और जैसा कि हम जानते हैं कि इंडिया में महंगाई 5-6 प्रतिशत से बढ़ती रहती है और रुपये की कीमत घटती चली जाती है, ऐसे में गोल्ड में निवेश करने से आप इन्फ्लेशन की मार से बच जाते हैं और साथ ही आपका निवेश भी बढ़ता है।
  3. Global war – जैसा कि हम जानते है, आज के युग में ग्लोबली कहीं न कहीं पे कोई न कोई देश दूसरे देश पे आक्रमण करता रहता है या उनके बीच युद्ध जैसे संभावनाएं होती हैं, तो इस अनिश्चितता में स्टॉक मार्केट के मूल्य लगातार गिरते रहते हैं ऐसे में लोग स्टॉक मार्केट की जगह पे कोई सेफ इन्वेस्टमेंट खोजते हैं और गोल्ड की तरफ शिफ्ट होते हैं, जिससे तनाव की स्थिति में भी गोल्ड की कीमतों में और ज्यादा उछाल देखने को मिलता है।
  4. Diversification- आज के समय में निवेश करने के कई साधन मौजूद हैं और एक सफल निवेशक हमेशा ही अपने पैसे को कई अलग-अलग एसेट्स में लगाता है, जिससे किसी एक एसेट्स में कमी या गिरावट आने पर भी उसका पैसा बहुत हद तक स्टेबल रहे और वह उस गिरावट में भी और लोगों की अपेक्षा कम प्रभावित हो ऐसे में गोल्ड एक अच्छा साधन बन जाता है निवेशकों के लिए।
  5. कोई खास जानकारी की जरूरत नहीं है – सोने में निवेश के लिए आपको कुछ सीखने की जरुरत नहीं होती, बस जाए और खरीद ले, हालांकि, इसे ध्यान देना होता है कि सोना ओरिजिनल हो, बस, परन्तु, किसी और एसेट्स जैसे स्टॉक मार्केट या म्यूचुअल फंड्स में लाभ कमाने के लिए आपको बहुत हद तक उसकी जानकारी होनी जरूरी हो जाती है।
  6. लिक्विडिटी – गोल्ड एक ऐसा मेटल है जो कोई भी इंसान बड़ी आसानी से खरीद लेता है क्योंकि गोल्ड की कीमतों पर सभी को विश्वास होता है, इसीलिए अगर आप गोल्ड खरीदते हैं तो आपको इसे बेचने में कोई परेशानी नहीं होगी ।
  7. मूल्य में वृद्धि – क्योंकि सोने का भाव लगातार लॉन्ग टर्म में बढ़ता चला जाता है, इसलिए सोना एक ऐसा निवेश होता है जिसमें आपका पैसा हर साल इनफ्लेशन को बिट कर बढ़ता रहता है। जबकि अन्य एसेट की बात की जाए, तो अगर आप एक स्टॉक को चुनते हैं, तो उसका शून्य होना या उस कंपनी के बंद हो जाने का खतरा हमेशा ही बना रहता है।
  8. Low risk – गोल्ड निवेश का सबसे सेफ इंस्ट्रूमेंट्स होता है, जिसमें आपको एक अच्छे रिटर्न्स के साथ-साथ एक स्टेबिलिटी भी मिलती है और ये आपके पैसे को किसी भी वैश्विक संकटों से होने वाली गिरावट से बचाता है, क्योंकि ये बाहरी कारकों से बहुत ही कम प्रभावित होता है। इसीलिए ये एक लो रिस्क इन्वेस्टमेंट के रूप में भी जाना जाता है।

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Disadvantages of investing in gold (सोने में निवेश करने के क्या हानि हैं )? –

जैसा कि हमने बताया कि हम इस लेख में सोने के फायदे और नुकसान (Gold investment advantages and disadvantages) दोनों के बारे में जानेंगे, तो अब हम इसके कुछ disadvantages को भी बारी-बारी से समझेंगे कि सोने में निवेश क्यों नुकसानदायक है। तो आइए, जानते हैं –

Gold investment advantages and disadvantages
  1. Safety problem – हम सब जानते हैं की गोल्ड एक बेहद कीमती मेटल है और चूंकि ज्यादातर लोग physical gold ज्यादा खरीदते हैं तो लोग इसे बड़े संभाल कर रखते हैं की कहीं कोई चोर चोरी न कर ले जाए, इसीलिए इसके लिए हम सभी होम लॉकर या बैंक लॉकर की मदद लेते हैं, जिस पर बैंक वाले चार्ज भी काटते हैं, हालांकि आज के जमाने में हम सिर्फ physical gold तक ही सीमित नहीं हैं, अब हमारे पास सोने में निवेश के लिए digital gold, gold ETF और Sovereign Gold Bond भी हैं, जिनकी मदद से हम गोल्ड में निवेश कर सकते हैं।
  2. प्राइस में उतार-चढ़ाव – सोना, यानी गोल्ड, हमेशा ही दीर्घकालिक निवेश के लिए अच्छा माना जाता है, क्योंकि सोने के भाव हर दिन, हर समय बदलते रहते हैं, जो कि वैश्विक स्थिति, सेंट्रल बैंक की नीतियों और ब्याज दरों पर निर्भर करते हैं। इसीलिए वह निवेशक, जो कि बहुत जल्दी प्रॉफिट कमाना चाहता है, उसको कभी-कभी सोने का मूल्य घटते भी नजर आ सकता है, जिससे उसको नुकसान हो सकता है।
  3. मेकिंग चार्ज – जब हम गोल्ड में निवेश करने के लिए कोई गहने खरीदते हैं तो यह गहने को बनाने के लिए दुकानदार आपसे मेकिंग चार्ज लेता है, जो कि अलग-अलग दुकानदारों द्वारा अलग-अलग वसूला जाता है। यह एक प्रतिशत के रूप में होती है, जो कि आपकी जेब से जाने वाली खर्चों में आता है, जिससे आपका मुनाफा कम हो जाता है।
  4. No extra income – गोल्ड के भाव हमेशा डिमांड और सप्लाई चैन पे काम करते हैं। अगर गोल्ड की डिमांड मौजूदा समय में अधिक है तो गोल्ड के भाव आसमान छूएंगे, वरना गोल्ड की कीमतों में गिरावट देखने को मिलेगी, यानी आपको गोल्ड में प्रॉफिट या इनकम तभी होगा जब गोल्ड के दाम बढ़ते रहेंगे। इसमें आपको कोई किराया या डिविडेंड देखने को नहीं मिलता, जो कि रियल स्टेट और स्टॉक्स में देखने को मिलता है।
  5. पूंजी निर्माण में सहायक नहीं – निश्चिंत ही निवेश करने के लिए एक बेहतरीन एसेट है परन्तु जब बात आती है पूंजी निर्माण की तो वहां गोल्ड यानी सोना आपको बहुत ज्यादा संतुष्ट नहीं कर पाता है क्योंकि गोल्ड एक सीमित और कम रिस्क के साथ आपको रिटर्न्स देता है जिससे आपकी पूंजी बहुत धीरे-धीरे बढ़ती है और वही अगर आप गोल्ड की जगह किसी स्टॉक्स या रियल स्टेट में निवेश करते है तो वहां पे आपको एक अच्छा रिटर्न कम ही समय में देखने को मिलता है।
  6. प्रारंभिक निवेश ज्यादा – जब आप सोने को खरीदने किसी शॉप पर जाते हैं, तो किसी भी सोने के गहने या सिक्के के लिए आपको एक भारी रकम चुकानी पड़ती है, जो कि हर एक व्यक्ति वहन नहीं कर पाता, जिससे एक छोटे निवेशक को सोने को खरीदते समय सोचने की आवश्यकता पड़ जाती है। वहीं, अगर आप Gold ETF या बॉन्ड्स की तरफ जाते हैं, तो आपको कम दाम में सोने के जैसे रिटर्न्स प्राप्त होते है।
  7. धोखाधड़ी की संभावना – सोना एक लिमिटेड धातु है और इसकी लगातार डिमांड को देखते हुए इसकी कीमत आज आसमान छूने को है क्योंकि ये इतनी कीमती है इसलिए इसमें धोखा होने की संभावनाएं भी अधिक होती है, यदि आपने किसी छोटे शॉप से बिना हॉलमार्क वाले सोने के गहने या बिस्किट को खरीदा तो इसमें आपके सोने के नकली निकलने के चांसेज ज्यादा हो जाते है जिससे अंत में आपको नुकसान वहन करना पड़ सकता है।
  8. इमोशनल अटैचमेंट – ज़्यादातर लोग सोने को निवेश के नजर से न देख कर उसे भावनाओं और परंपराओं की नजर से देख कर सोने का क्रय करते है और फिर उसी भावनाओं और परंपराओं के कारण उस सोने को या गहने को बेच भी नहीं पाते जिससे सोना यानी गोल्ड आपके लिए एक लिक्विड एसेट नहीं बन पाता इसके साथ ही कुछ लोग सोने को सिर्फ अपनी शौक और showoff के लिए खरीदा करते है निवेश के लिए नहीं।

Conclusion (निष्कर्ष)-

जैसा कि हमने अच्छे से जाना कि गोल्ड सिर्फ एक मेटल नहीं है, यह सिर्फ एक निवेश करने का साधन भी नहीं है बल्कि यह भारतीय परिवारों की भावनाओं और संस्कृतियों से गहराई से जुड़ी हुई है। इसमें कोई शक नहीं कि सोने में निवेश करना एक अच्छा निवेश नहीं माना जाता है, परन्तु यदि सोने में निवेश समझदारी के साथ नहीं किया जाए तो यह निवेश नुकसानदायक भी हो सकता है और इसलिए Gold investment advantages and disadvantages को समझना हर निवेशक के लिए जरूरी है ताकि वह सही निर्णय ले सके।

अगर आप गोल्ड को एक निवेशक के दृष्टि से देखते हैं और physical gold की जगह पर gold ETF या Sovereign Gold Bond जैसे गोल्ड के साधनों में अपने पैसे को निवेश करते हैं, तो आपकी काफी समस्याएँ हल हो जाती हैं।

एक सफल निवेशक को हमेशा गोल्ड और अन्य एसेट्स में अपनी पूंजी को विभाजित करके रखना चाहिए, सिर्फ गोल्ड पर ही निर्भर नहीं रहना चाहिए। निवेशक को चाहिए कि वह अपनी 10-20% पूंजी को ही गोल्ड में निवेशित करे, और बाकी फंड को इक्विटी फंड, म्यूचुअल फंड, ईटीएफ, स्टॉक्स और रियल एस्टेट में भी निवेशित करे, जिससे स्टेबिलिटी के साथ-साथ उसका पूंजी निर्माण भी हो।

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