Mutual fund vs exchange traded fund- जानिए 22 महत्वपूर्ण अंतर

निवेश के दो ऐसे प्रचलित साधन mutual fund और exchange traded fund या etf का नाम आपने सुना ही होगा। ये दोनों ही निवेश के अच्छे साधन माने जाते है और दोनों ही शेयर बाजार, बॉन्ड्स, और अन्य एसेट्स में निवेश करते है परन्तु दोनों ही साधनों के काम करने का तरीका, इनके खर्चे, रिस्क और रिटर्न्स, लिक्विडिटी में मूल अंतर होता है।

Mutual fund vs Exchange traded fund

तो अगर आप एक लॉन्ग टर्म इंवेस्टर है या आपको भी म्युचुअल फंड और ईटीएफ ( mutual fund vs exchange traded fund ) में अंतर नहीं पता तो आपको ये पता होना जरूरी हो जाता है तो आइए जाने म्युचुअल फंड और ईटीएफ (mutual fund vs exchange traded fund) में कुछ महत्वपूर्ण अंतर जिसको समझ कर आपको ये जानने में आसनी होगी की आपको इन दोनों में से किसे चुनना चाहिए।

Mutual fund vs exchange traded fund –

पहले हम बारी-बारी से इन दोनों के बारे में कुछ basic knowledge ले लेते है। जिससे आपको जब के आगे दोनों में अंतर बताऊंगा तो आपको समझने के आसानी होगी। दोस्तो में पूरी कोशिश करूंगा कि में आपको ईजी वे में mutual fund vs exchange traded fund के बारे बताऊं तो आइए जानते है।

Mutual fund – दोस्तों, mutual fund एक ऐसा फंड होता है जिसमें AMC (Asset manegement company) लोगों के पैसे को इक्कठा करती है और उसे अलग अलग aasets जैसे – डेट फंड, शेयर बाजार, सरकारी बॉन्ड्स आदि में निवेश करके उससे हुए लाभ को उनके निवेशकों में उनके द्वारा खरीदे गए यूनिट्स के आधार पे डिस्ट्रीब्यूट कर देती है और बदले में कुछ वार्षिक चार्जेज काटती है।

Exchange traded fund – exchange traded fund जिसको शॉर्ट फॉर्म में etf भी लोग कहते है। ये एक्सचेंज पे ट्रेड होने वाले फंड्स होते है। जो की किसी न किसी index को फॉलो करते है। इसमें कोई फंड मैनेजर फंड को मैनेज नहीं करता और इसलिए इनकी costs भी कम होती है, इन्हें index funds भी कहते है।

Mutual fund vs Exchange traded fund (Tables से)-

तो अब जब हम म्यूचुअल फंड और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (mutual fund vs exchange traded fund) के बारे में एक बेसिक नॉलेज जान चुके है तो अब आइए अब हम समय न गंवाते हुए जल्दी से mutual fund vs exchange traded fund के बारे में एक टेबल के माध्यम से जानते है और फिर हम बारी बारी विस्तार से इनके बारे में जानेंगे।

Mutual fund vs Exchange traded fund Easy table –

विषय Mutual fund Exchange traded fund
खरीद/बेच का तरीका एक दिन बाद की nav पे रियल टाइम प्राइस पे
Expense ratio1 से 2 या 2.5% तक0.1 से 0.5% तक
Exit load 1% तक नहीं लगता है
ब्रोकरेजनहीं लगतालगता है
Exchange और STT charges नहीं लगतालगता है
कौन मैनेज करता हैAMC के फंड मैनेजर्स index fund
एक्टिव/पैसिव फंडएक्टिव फंड पैसिव फंड
पैसे कब तक आते हैदो या तीन दिन Market hours में
Quantity fractions में ले सकते है कम से कम 1 qty
minimum investment100-500 रूपए तक कम से कम 1 qty
Trading time1 -2 दिन बाद की प्राइसरियल मार्केट टाइम में
Trading नहीं कर सकते f/o छोड़ सब कर सकते है
ब्रोकरेज Margin नहीं मिलता मिलता है
Nav / priceNAV price
Demat a/c जरूरी नहींजरूरी
रिटर्न्स 15-20% तक 15% तक
डाइवर्सिफिकेशन अधिककम
Tax1 साल से पहले STCG 20%
और 1 साल बाद LTCG 12.5% ( 1.25 लाख की छूट के बाद )
म्यूचुअल फंड्स की ही तरह
निवेश चुनने का अधिकारफंड मैनेजर्स तय करते है फंड मैनेजर्स तय नहीं करते
Riskअधिककम
Flexibility कम अधिक
अधिक रिटर्न्स की संभावना सीमित संभावना है

Mutual fund vs exchange traded fund – (विस्तार से)

हमने टेबल्स के माध्यम से बड़ी आसानी से mutual fund vs exchange traded fund के बारे में जाना अब हम इनके बारे में बारी बारी विस्तार से जानेंगे जिससे आपमें इन दोनों ( mutual fund vs exchange traded fund ) के बारे में सही समझ विकसित होगा तो आइए फटाफट जानते है। –

  • खरीद/ बेच कैसे होता है –
    • Mutual fund – अगर आपको आज इसके यूनिट्स buy या sell करना है तो आपको इसकी प्राइस या NAV आने वाले कल की मिलेगी इसमें 2-3 दिन लग जाते है।
    • Exchange traded fund – Etf में आप मार्केट सेंटीमेंट्स को देखकर तुरंत मार्केट hours में करेंट प्राइस पे इसमें खरीद- बेच कर सकते है।
  • खर्च या एक्सपेंस रेशियों –
    • Mutual fund – म्यूचुअल फंड में तमाम खर्च होते है जैसे- exit load, expense ratio मैनेजर्स फीस आदि होते है जो की सामान्यतः 1 से 2- 2.5% वार्षिक तक होते है जो की हर एक निवेशक पर लगाए जाते है और वही exit load 1% तक लगता है।
    • Exchange traded fund – Etf में बहुत ही कम expense ratio होते है जो की 0.1 से 0.5% तक होते है जो कि AMC द्वारा वार्षिक लिए जाते है।
  • Exit load –
    • Mutual fund – म्यूचुअल फंड में अगर आप निवेश करने के बाद 1 साल से पहले अपने फंड को निकलते है तो म्यूचुअल फंड्स में सामान्यः 1% exit load लगता है।
    • Exchange traded fund – ज़्यादातर Etf में कोई प्रकार का एग्जिट लोड नहीं लगता है आप अपने फंड्स को तुरन्त भी निकाल सकते है।
  • Brokarage –
    • Mutual fund – Mutual fund vs Exchange traded fund का ये एक अच्छा अंतर हो सकता है क्योंकि म्यूचुअल फंड में किसी प्रकार का कोई भी ब्रोकरेज नहीं लगता है ये दिन के अंत पे मिलने वाली NAV पे खरीदी और बेची जाती है।
    • Exchange traded fund – Etf भी स्टॉक्स की भांति ही एक्सचेंज पे ट्रेंड होते है इसलिए स्टॉक्स की तरह ही etf में भी ब्रोकरेज और चार्जेज लगते है।
  • Exchange और STT charges-
    • Mutual fund – म्यूचुअल फंड्स में किसी प्रकार का कोई एक्सचेंज चार्ज या STT नहीं लगता है क्योंकि ये एक्सचेंज पे ट्रेड नहीं होते।
    • Exchange traded fund – Etf चूंकि एक्सचेंज पे ट्रेंड होते है इसलिए etfs पे exchange charge (0.00325%) और etf बेचने पे STT charges (0.001%) लगते है।
  • कौन मैनेज करता है-
    • Mutual fund – म्यूचुअल फंड्स को सामान्यतः अनुभवी फंड मैनेजर संभालते है। ये फंड मैनेजर किसी निवेश को कब buy/sell करना है और उसमें कौन सी स्टेटजी अपनानी है, ये तय करते है।
    • Exchange traded fund – Etf किसी न किसी index को फॉलो करता है। उस index में जितने स्टॉक्स जिस रेशियों में होते है। ठीक ठीक उसी रेशियों में आपका भी पैसा लगता है। इसमें कोई फंड मैनेजर स्टॉक्स को तय नहीं करते है।
  • एक्टिव/पैसिव फंड-
    • Mutual fund- Mutual fund vs Exchange traded fund का ये भी एक अच्छा अंतर हो सकता है, म्यूचुअल फंड्स में कोई न कोई फंड मैनेजर फंड को मैनेज करता है इसलिए ये एक्टिव फंड कहलाते है।
    • Exchange traded fund – Etf में कोई फंड मैनेजर नहीं होता इसलिए ये पैसिव फंड कहलाते है और इसलिए इनकी कॉस्ट भी कम होती है।
  • पैसे कब तक आते है-
    • Mutual fund- म्यूचुअल फंड्स में यदि आप आज पैसे निकलने के लिए ऑडर लगाते हैं तो आपको 2 से 3 वर्किंग डे का टाइम लगता है वही इसकी NAV भी अगले दिन की मिलती है।
    • Exchange traded fund – Etf को आप कभी भी मार्केट समय में बेचकर तुंरत उसे कैश में बदल सकते है। जो की आप शाम तक मार्जिन एडजस्टमेंट के बाद withdrawal कर सकते हैं।
  • Quantity –
    • Mutual fund- म्यूचुअल फंड के यूनिट्स को आप fraction यानी दशमलव में भी खरीद सकते है।
    • Exchange traded fund – Etf में आपको ईटीएफ की 1 qty खरीदना जरूरी होता है आप इसकी qty को 1 से कम नहीं खरीद सकते।
  • Minimum investment-
    • Mutual fund- म्यूचुअल फंड में आप कम से कम 100 से 500 रुपए तक की sip कर सकते है वहीं कुछ फंड्स 500 से 1000 की lumpsum अमाउंट से निवेश करने की सुविधा देती है।
    • Exchange traded fund – Etf me आपको etf की कम से कम 1 qty buy करनी पड़ती हैं अब भले ही उस etf की प्राइस 1000 हो तो कम से कम आपको 1000 रूपए का निवेश करना होगा।
  • Trading time-
    • Mutual fund- म्यूचुअल फंड में आप तुरंत रियल मार्केट टाइम में खरीद बेच नहीं सकते इसमें आपको हमेशा 1 से 2 दिन बाद की NAV मिलती है।
    • Exchange traded fund – Etf में आप मार्केट सेंटीमेंट्स को समझकर रियल मार्केट टाइम में buy/ sell कर सकते हैं।
  • Trading –
    • Mutual fund- Mutual fund vs Exchange traded fund में एक अच्छा डिफरेंस ये भी है की म्यूचुअल फंड ट्रेडिंग के लिए नहीं बना होता इन फंड्स का लोग उपयोग long term investment के लिए करते है जिससे उन्हें कंपाउंडिंग का फ़ायदा मिलता है।
    • Exchange traded fund – Etf में आप लगातार buy/ sell कर सकते है। इसमें आप इंट्रा-डे ट्रेडिंग और स्विंग ट्रेडिंग भी कर सकते है और अच्छा मुनाफा कमा सकते है।
  • ब्रोकरेज Margin –
    • Mutual fund- म्यूचुअल फंड्स में आपको किसी भी प्रकार का कोई मार्जिन ब्रोकर की तरफ से देखने को नहीं मिलता इसका मतलब इसमें सिर्फ आप अपने ही पैसे से इनके यूनिट्स खरीद सकते है।
    • Exchange traded fund – Etf में ब्रोकर आपको, इंट्रा-डे में 5 गुना और स्विंग ट्रेडिंग के लिए 4 से 5 गुना मार्जिन etf पे देते है जिससे आप एक बड़ा प्रॉफिट कमा सकते है।
  • Nav / price-
    • Mutual fund- म्यूचुअल फंड में खरीद बेच के लिए NAV (Net Asset value) होती है। जो की हर दिन उनके द्वारा निवेश की गई asset के वर्तमान मूल्य और होने वाली एक्सपेंस को घटा के निकली जाती है।
    • Exchange traded fund – ईटीएफ के प्राइस index के अनुसार ऊपर नीचे होती रहती है और इसी प्राइस पे खरीद और बेच होती है।
  • Demat a/c –
    • Mutual fund- Mutual fund vs Exchange traded fund में एक अच्छा अंतर ये भी होता है की म्यूचुअल फंड्स में निवेश के लिए आपको डीमैट अकाउंट की कोई जरूरत नहीं होती आप direct उस AMC से संपर्क करके वहां फॉर्म भरकर भी निवेश कर सकते है।
    • Exchange traded fund – Etf में किसी भी प्रकार की ट्रेडिंग या इनवेस्टमेंट के लिए आपको डीमैट अकाउंट की जरूरत होती है।
  • रिटर्न्स –
    • Mutual fund- म्यूचुअल फंड एक अच्छा वार्षिक रिटर्न कमा के देता है। सामान्यतः एक स्मॉलकैप फंड 15 से 20% तक का वार्षिक रिटर्न बना कर देते है।
    • Exchange traded fund – ईटीएफ चूंकि किसी न किसी index को फॉलो करता है। इसलिए इनके रिटर्न्स भी म्यूचुअल फंड्स की अपेक्षा कम होती है। जैसे – niftybess जों की निफ्टी – 50 को फॉलो करती है, लगभग 15% तक का वार्षिक रिटर्न देती है।
  • डाइवर्सिफिकेशन –
    • Mutual fund- म्यूचुअल फंड में एक निवेशक को अच्छा खासा डाइवर्सिफिकेशन देखने को मिलता है। ये फंड्स प्रॉपर शेयर बाजार, डेट फंड्स, मनी मार्केट आदि एसेट्स में निवेश करतीं है। जिससे किसी एक एसेट की कीमत गिरती है, तो भी फंड बहुत हद तक स्टेबल रहती है।
    • Exchange traded fund – ईटीएफ प्रायः किसी index या किसी सेक्टर के index को फॉलो करते है, जिसमें उस index या सेक्टर के ही स्टॉक्स होते है और उस index या सेक्टर के गिरने पे फंड में भी अच्छी खासी गिरावट देखने को मिलती है।
  • Taxes –
    • Mutual fund- म्यूचुअल फंड्स में बजट 2024 के बाद से, एक साल के बाद फंड को बेचने पे LTCG लगता है, जो की 12.5% सालाना 1.25 लाख रुपए से अधिक लाभ पर लगता है और वही एक साल से कम समय में बेचने पे STCG लगता है, जो की 20% लगता है।
    • Exchange traded fund – ईटीएफ में भी म्यूचुअल फंड की तरह ही टैक्स लगते है।
  • निवेश चुनने का अधिकार-
    • Mutual fund- म्यूचुअल फंड्स में निवेश कहा पे कितना और कब होगा ये फंड मैनेजर तय करते है साथ ही ये भी तय करते है किस अनुपात में और कौन सी रणनीति फॉलो होगी, जिससे अधिक से अधिक लाभ कमाया जाए।
    • Exchange traded fund – ईटीएफ में किसी index में स्टॉक्स जिस हिसाब से और जिस रेशियों में होते है, ठीक उसी अनुपात में ईटीएफ में भी आपका पैसा लगता है, इसमें कोई फंड मैनेजर स्टॉक्स का चुनाव तय नहीं करते।
  • Risk-
    • Mutual fund- म्यूचुअल फंड्स में बेशक रिटर्न्स बहुत अच्छे मिलते है, पर साथ ही इसमें फंड मैनेजर के बदले जाने पे, फंड मैनेजर के निर्णय पे, वो कैसा स्टेटजी अपनाते है ये सब बातों से फंड के रिटर्न्स बहुत हद तक प्रभावित होते है, इसलिए इसमें रिस्क ज्यादा होता हैं।
    • Exchange traded fund – ईटीएफ में रिस्क बहुत कम होता है क्योंकि ज्यादातर index long term में हमेशा बढ़ते रहते है, इसलिए etf के भी दाम हमेशा बढ़ते रहते है।
  • Flexibility-
    • Mutual fund- म्यूचुअल फंड्स में आपका पैसा दूसरा इंसान मैनेज करता है इसलिए इसमें आपको कुछ करने की जरूरत नहीं होती और इसीलिए ये उसके लिए अच्छा है जिनको मार्केट की अच्छी नॉलेज नहीं है।
    • Exchange traded fund – ईटीएफ में आप अपना पैसा खुद मैनेज करते है, अतः इसमें आपको पूरी-पूरी आजादी होती है की आप अपने पैसे को किस तरह से निवेश करते है।
  • अधिक रिटर्न्स की संभावना –
    • Mutual fund- म्यूचुअल फंड्स में आपको एक तरह से हर साल 12% तक का औसत वार्षिक रिटर्न मिल जाता है।
    • Exchange traded fund – ईटीएफ वो साधन है जिसमें आप ट्रेडिंग और इनवेस्टिंग दोनों ही कर सकते है, इसीलिए अगर आप एक सफल ट्रेडर है, तो आप etf से म्यूचुअल फंड से भी ज्यादा रिटर्न कमा सकते है। वैसे ये आपकी मार्केट को लेकर अच्छी पकड़ पे भी निर्भर करता है।

Mutual fund vs Exchange traded fund – दोनों में से कौन आपके लिए अच्छा है?

Mutual fund vs Exchange traded fund

दोस्तों, हमने Mutual fund vs Exchange traded fund के बारे में टेबल्स में जाना और फिर बारी-बारी विस्तार से हमने mutual fund vs Exchange traded fund के बीच अंतर को समझा, अब यहां हम बताएंगे की इन दोनों फंड्स में से कौन-से फंड में निवेश करना आपके लिए बेस्ट होगा तो आइए जानते है।

यदि शेयर मार्केट में आपकी पकड़ अच्छी नहीं है और यदि आपको शेयर बाजार की एकदम नॉलेज नहीं है साथ ही अगर आपके पास स्क्रीन देखने या मार्केट को समझने का बिल्कुल टाइम नहीं है या शेयर बाजार में आपका इंटरेस्ट नहीं है तो इस situation में आपका Mutual fund को चुनना और इसके द्वारा अपने पैसे को ग्रो करना एक बेहतर ऑप्शन होगा।

और वही अगर आपको अधिक लचीलापन चाहिए साथ ही आपको स्क्रीन देखना, ट्रेडिंग करना, और मार्केट को समझना अच्छा लगता है और आपको ट्रेडिंग करके फास्ट रिटर्न्स बनाना चाहते है तो आपके लिए exchange traded fund को चुनना एक बेहतर ऑप्शन होगा।

तो दोस्तो, उम्मीद करता हूं की आपने भी अब तक Mutual fund vs Exchange traded fund के बीच कौन सा फंड आपके लिए अच्छा है ये समझ गए होंगे

इसे भी जाने :- what is mutual fund (म्यूचुअल फंड क्या हैं)

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