What is SWP in Mutual Fund – इसके फायदे और नुकसान
दोस्तों, जैसा कि मैं समझता हूं कि आप सभी म्यूचुअल फंड्स को अच्छी तरह से समझते होंगे और अगर आपको म्यूचुअल फंड्स से जुड़ी कोई भी जानकारी चाहिए तो आप हमारे पिछले लेख पर जरूर जाइए जहां आपकी हर एक डाउट क्लियर हो जाएगी। क्योंकि अगर आप म्यूचुअल फंड और उसके काम करने के तरीके को अच्छी तरह से समझते हैं तो आपको SWP को भी समझने में आसानी होगी। तो हम यहां SWP के बारे में विस्तार से आपको हर एक चीज को आसान भाषा में बताएंगे।

तो दोस्तों, वो वक्त बदल गया जब लोग म्यूचुअल फंड्स को सिर्फ एक निवेश करने का साधन मानते थे। आज लोग इसे सिर्फ निवेश तक सीमित न रखकर इसे अपनी नियमित आय का भी साधन बनाने लगे हैं। जी हां, हम म्यूचुअल फंड में SWP करके निवेश के साथ-साथ नियमित आय कमा सकते हैं और अपने घर की जरूरतों को बड़ी आसानी से मैनेज कर सकते हैं। तो अब आइए जानें, what is SWP in mutual fund?
What is swp in Mutual fund ?
SWP का पूरा नाम Systematic Withdrawal Plan होता है। यह AMC के द्वारा अपने निवेशकों को दी जाने वाली सुविधाओं में से एक है, जिसमें उनका निवेशक अपने अनुसार निश्चित अंतराल पर किसी निश्चित तारीख को अपने द्वारा निवेश की गई पूंजी में से एक निश्चित राशि निकाल सकता है। इसमें निवेशक को तारीख, अमाउंट, और कितनी फ्रिक्वेंटली पैसे को निकालना है इसको चुनने का पूरा अधिकार होता है और उसी के अनुसार उस निश्चित तारीख पर निश्चित राशि withdrawal होकर निवेशक के बैंक खाते में आ जाती है जिसका इस्तेमाल वह अपने नियमित जीवन के खर्चों में कर सकता है।
SWP करने के सही कदम या steps –
अब तक हमने अच्छे से समझा कि SWP क्या होता है (What is SWP in Mutual fund)। तो अब हम समझेंगे कि SWP कैसे काम करता है, जिससे आप भी अपना खुद का SWP शुरू कर पाएंगे और इस स्कीम का फायदा उठा पाएंगे, तो आइए समझते हैं।
- एक सही फंड चुनना – दोस्तों, अगर आप भी अपना SWP शुरू करना चाहते हैं तो किसी भी म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले आपको यह देखना होगा कि वो फंड आपको SWP की सुविधा प्रदान करती है या नहीं, अगर वो फंड SWP की सुविधा देती है तो आपको जरूर उसे चुनना चाहिए।
- निवेश हो पहला कदम – आपको यह समझना होगा कि SWP से लाभ कमाने के लिए आपको पहले अपनी पूंजी को उस फंड में निवेश करना होगा। अगर आपके पास एकमुश्त बड़ी पूंजी है तो आपको उसे एक साथ ही फंड में डालना चाहिए और यदि आपके पास एकमुश्त बड़ी पूंजी नहीं है तो आपको पहले SIP के जरिए उसे एक बड़ी पूंजी बनाना होगा और फिर आप SWP के जरिए लाभ कमा सकते हैं।
- तारीख, राशि और अंतराल चुनें – अब आपको अपने अनुसार, कितना पैसा किस तारीख को और कितनी जल्दी जैसे – एक महीने में, तीन महीने में या एक साल में निकलना है इसका चयन करें। हालांकि, वार्षिक अंतराल से ज्यादा बेहतर होता है कि आप मासिक अंतराल को चुनें।
- पैसा आपके खाते में – आपके द्वारा चुनी गई राशि के अनुसार, म्यूचुअल फंड आपकी यूनिट्स को बेचकर पैसे आपके खाते में जमा करवा देता है।
SWP करने से मिलने वाले बेनिफिट्स –
तो अब जब हम SWP क्या है (what is SWP in mutual fund) और SWP कैसे काम करता है ये जान चुके हैं, तो अब ये जानते हैं की SWP को करने से हमें और क्या-क्या बेनिफिट्स मिलते हैं, तो आइए जानते हैं।

- नियमित आय – SWP करने का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि आपके पास एक अच्छा कैश फ्लो बन जाता है, जिससे आपको हर महीने एक रकम मिल जाती है जिसका उपयोग आप अपने दैनिक जीवन के खर्चों में कर सकते हैं। यह एक पैसिव आय स्रोत का एक अच्छा साधन होता है।
- Rupee cost averaging – बाजार हमेशा अनिश्चित होता है, कभी इस बाजार में तेजी देखने को मिलती है तो कभी इसमें मंदी रहती है, जब आप इसमें अपने फंड को एकमुश्त एक ही बार में रिडीम करते हैं तो आपको ये देखना जरूरी हो जाता है कि उस समय मार्केट तेजी में है या मंदी में, जिससे आपको ज्यादा रिटर्न मिले। Rupee cost averaging इसी जगह काम आता है, जिसमें आप एकमुश्त की जगह पे थोड़ी-थोड़ी राशि को निश्चित अंतराल में रिडीम करते हैं, इससे आप तेज़ी और मंदी दोनों में ही अपने फंड को रिडीम करते हैं, जिससे आपको एक औसतन अच्छा खासा रिटर्न मिल जाता है।
- सिस्टम – SWP आपको अपने फंड को रिडीम करने के लिए एक बकायदा सिस्टम प्रदान करता है, जिसमें आप अनुशासित तरीके से अपने फंड को कई छोटे-छोटे इंस्टॉलमेंट में निकालते हैं, जिससे आपका फंड बहुत जल्दी खत्म नहीं होता और आप मार्केट के गिरावट में घबराहट के मारे अपने फंड को निकालने से बच जाते हैं, जिससे आपको लंबे समय में एक अच्छा रिटर्न देखने को मिलता है।
- तेज़ी के मार्केट में अच्छा – जब आप SWP से एक निश्चित राशि को निकालते हैं और उस समय मार्केट तेज़ी में होता है, तो मंदी की अपेक्षा उसी राशि को निकालने के लिए आपकी म्यूचुअल फंड की कम यूनिट्स बेची जाती हैं, जिससे आपको कम यूनिट्स बेचने पर ही आपकी तय राशि आपके बैंक अकाउंट में जमा हो जाती है और आपको एक शानदार रिटर्न देखने को मिलता है।
- Flexible – SWP में आपको अपने फंड को किस प्रकार से निकालना है, इसकी पूरी छूट होती है, आप इसमें अपनी राशि बदल सकते हैं, समय अवधि को बदल सकते हैं, और जब आपको फंड की आवश्यकता नहीं है तो इसको बीच में बंद भी कर सकते हैं।
- Compounding effect – अगर आप म्यूचुअल फंड्स से मिलने वाले सालाना रिटर्न से कम ही SWP के द्वारा निकालते हैं तो आपको कंपाउंडिंग का भी बेनिफिट मिलता है, जिसमें आपकी बची हुई पूंजी लगातार बढ़ती रहती है, जिससे आप अपनी पूंजी को खर्च भी करते हैं और आप अपनी पूंजी को बढ़ाते भी हैं।
- खुद का पेंशन फंड – आप SWP के जरिए खुद का पेंशन भी चला सकते हैं, जिसमें आपको बार-बार किसी सरकारी डेस्क पर जाने की जरूरत नहीं होती है, आप जब चाहें SWP करें और रिटायरमेंट के बाद एक अच्छी ज़िंदगी जी सकते हैं।
SWP करने के Drawbacks –
दोस्तों, अब तक आपने SWP (Systematic Withdrawal Plan) के बारे में पढ़कर या सुनकर इसे एक बेहतरीन निवेश का विकल्प माना होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि SWP के नुकसान भी होते हैं, जिन्हें नजरअंदाज करना आपके निवेश के लिए खतरनाक साबित हो सकता है? अगर आप भी SWP करने की सोच रहे हैं, तो पहले इसके नुकसान को अच्छे से समझ लें। इससे आप बेहतर निर्णय ले पाएंगे और एक सफल निवेशक बन सकेंगे। तो आइए जानते है –
- मूल पूंजी खत्म होने का खतरा – अगर आप सही तरीके से कैलकुलेट करके अपनी पूंजी पर बने लाभ को नहीं और लाभ से ज्यादा निकासी कर लेते हैं, तो आपकी मूल पूंजी के खत्म हो जाने का डर होता है।
- Flexibility – SWP का लचीला होना एक अच्छी बात भी है और इसके नुकसान भी है, क्योंकि अगर आप इसको अनुशासित तरीके से रिडीम न करके, कभी ज्यादा, कभी कम, अपने दैनिक आवश्यकता के अनुसार करते हैं, तो आपकी मूल पूंजी खत्म भी हो सकती है।
- फिक्स्ड रिटर्न का न होना – SWP में मिलने वाले रिटर्न पूरी तरह से म्यूचुअल फंड्स के परफॉर्मेंस और मार्केट के अनिश्चितता पर निर्भर करती है। इसमें कोई फिक्स्ड रिटर्न नहीं होता है, हालांकि ज्यादातर इक्विटी म्यूचुअल फंड्स 15 प्रतिशत का रिटर्न सालाना दे देते हैं।
- हर साल टैक्स – आप जब भी SWP के अपनी लाभ की राशि को निकालते हैं तो आपके द्वारा बेची गई यूनिट्स पर मिलने वाले लाभ पर कैपिटल गेन टैक्स लगता है।
- बड़ी पूंजी निर्माण में सहायक नहीं – दोस्तों, अगर आप एक बड़ी पूंजी अपने जीवन में बनाना चाहते हैं तो SWP आपके लिए नहीं है और आपको SWP की जगह पे SIP को चुनना चाहिए।
SWP शुरू करने से पहले ध्यान में रखी जाने वाली कुछ बाते –
आपको हमेशा SWP को शुरू करने से पहले नीचे दी गई बातों को ध्यान में जरूर रखना चाहिए, तो आइए जानें –
- सबसे पहले अपना उद्देश्य निश्चित करें ताकि आपका एक स्पष्ट नजरिया हो SWP करने के लिए।
- फंड्स से मिलने वाले रिटर्न्स से हमेशा कम राशि को चुनने का प्रयास करें, ताकि आपकी लाभ की कुछ पूंजी पर कंपाउंडिंग का लाभ मिले।
- सही फंड में निवेश करें, जिससे आपको एक स्थिर और अच्छा मुनाफा मिले, जैसे कि एक हाइब्रिड फंड का चुनाव अच्छा रहेगा।
- अपने द्वारा निकाले गए राशि पर हर साल समीक्षा करें, ताकि आपके निकाले गए राशि और फंड के रिटर्न्स के बीच एक संतुलन हमेशा बना रहे।
- अगर मार्केट में कोई गिरावट चल रही हो और आपको पैसों की जरूरत न हो, तो गिरावट के दौरान अपने यूनिट्स को बेचने से हमेशा बचें।
- हमेशा यह तय करें कि आपके पास एक बड़ी पूंजी हो, जिससे आपको अपनी मासिक खर्चों को पूरा करने में मदद मिले।
- हमेशा ही Swp के द्वारा म्यूचुअल फंड की रिटर्न का 5-6% सालाना या 0.5% मासिक रिटर्न को ही निकालना चाहिए, इससे ज्यादा नहीं।
SWP पे कितना टैक्स लगता है ?
SWP में, आप लगातार अपनी यूनिट्स को छोटे-छोटे हिस्सों में निकालते रहते हैं, न की एक बार में ही पूरी यूनिट्स को बेचते हैं, इसलिए SWP में हमेशा बेची गई यूनिट्स पर हुए लाभ पर कैपिटल गेन टैक्स लगता है, जो कि एक टेबल में नीचे दिया गया है।

Funds | Holdings period | Type of tax | Rate of tax |
Equity funds | 12 months से कम | STCG | 20% |
12 months से ज्यादा | LTCG | 12.5% | |
Debt funds | कोई भी अवधि | कैपिटल गेन | Income tax slab के अनुसार |
Hybrid funds | इक्विटी एक्सपोजर पे निर्भर करता है | – | अगर इक्विटी फंड में 65% से अधिक निवेश है तो इक्विटी फंड के अनुसार, वही पे अगर 65% से अधिक डेट फंड में निवेश है तो डेट फंड के अनुसार टैक्स लगेगा। |
SWP किसे चुनना चाहिए ?
दोस्तो, हमने इस लेख में अब तक विस्तार से जाना कि SWP क्या होता है (what is SWP in Mutual fund) तो अब हम जानते हैं कि SWP किसे चुनना चाहिए, तो आइए फटाफट जानते हैं।

- वे जो रिटायर हो चुके हैं और अपना दैनिक खर्च चलाना चाहते हैं।
- SWP सिर्फ बुजुर्ग लोगों के लिए नहीं होता है, ये कोई भी व्यक्ति जो नियमित आय की तलाश में है, वो चुन सकता है।
- जो औसत लागत रुपये का लाभ लेना चाहते हैं, जैसा कि मैंने आपको ऊपर बताया है।
- वो जिनका मासिक आय स्टेबल नहीं है और कम ज्यादा होती रहती है।
- जो किसी पेंशन की तलाश में है।
- जो जीवन में एक passive income cash flow चाहते हैं।
Conclusion (निष्कर्ष)-
SWP (Systematic Withdrawal Plan) एक अच्छा साधन है, जिसके माध्यम से लोग आज एक अच्छी पैसिव इनकम कमा रहे हैं। यह सिर्फ न आपको आपकी जरूरतों को पूरा करने में मददगार है बल्कि अगर आप सही तरीके से इसका उपयोग करना सीख गए तो यह आपकी पूंजी को भी हर साल बढ़ाती रहती है, जिससे आपका फंड कभी खत्म नहीं होता और आपको आगे भविष्य में भी फंड की कमी नहीं होने वाली। पर वही वो लोग जो पहले ही अपनी जरूरतों को पूरा करने में पूरी तरह से सक्षम हैं, उन्हें SWP की जगह पर SIP को चुनना चाहिए, जिससे आपकी पूंजी तेजी से कम्पाउंड हो और आप जीवन में और अधिक अमीर बने।